Wow Taj – वाह ताज
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This is one structure that needs no introduction. A symbol of love to many, a sight to behold for all and to some a rememberance of cruelty of a King which drove his kingdom to near bankruptcy!![/tab] [tab name="hi"]सभी इमारतों का ताज – ताज महल
यह एक ऐसी इमारत है जो किसी परिचय की मोहताज नहीं है। कई लोगों के लिए यह अटूट प्रेम की निशानी है, एक अद्वितीय शिल्पकला का नमूना है और कुछ के लिए एक बादशाह की निर्दयता की याद भी है जिसने उसके राज्य को लगभग कंगाल कर दिया था!![/tab]
6 Comments on —» Wow Taj – वाह ताज
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गजब भई!! मान गये-क्या उत्कृष्ट नमूना पेश किया है लाजबाब फोटोग्राफी का-साधुवाद!!!
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ताज की कोई भी फोटु सुन्दर ही होगी.
पर यह लाजवाब है
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विश्व के ८ अजूबों में से एक इमारत ’ताजमहल ’ वाकई में सौन्दर्य , प्रेम व शिल्पकला का अनूठा अंदाज है । हमारे लिए यह भी बडे़ गर्व का विषय है कि ताज की वजह से ही हमारे भारत देश व उत्तर प्रदेश के शहर आगरा का नाम इतिहास के पन्नों पर स्वर्णाक्षरों में दर्ज है । लेकिन हम इस बात को भी कतई नजर अंदाज नहीं कर सकते कि शिल्प कला की इस बेजोड़ इमारत को बनाने वालों ने इसे पूरा करने के बाद अपने हाथ कट्वा दिए थे । शायद इस इमारत को बनाते समय उन्हें इस बात का अंदाजा नहीं था कि अपनी कला का हुनर दिखाने वाले इन हाथों को खोना पडे़गा ?
जब भी हम कला की इस बेजोड़ इमारत को देखते हैं तो हमारे मन उन कलाकारों की याद ताजा हो आती है और मन सिहर उठता है । -
समीर जी, पंकज, पसंद करने के लिए धन्यवाद।
शशि जी, मैंने इसलिए ही फोटो के नीचे लिखा कि यह मोहब्बत का स्मारक होने के साथ-२ क्रूरता का भी स्मारक है क्योंकि इसको बनाने वाले शिल्पकारों और मज़दूरों को इसको बनाने की कीमत अपने हाथों से चुकानी पड़ी थी। और साथ ही यह शाहजहाँ के दीवानेपन का भी स्मारक है क्योंकि इसको बनाते-२ उसने शाही खज़ाना लगभग खाली ही कर दिया था। शाहजहाँ की तमन्ना तो इसका हूबहू प्रतिरुप काले पत्थर से बनाने की थी यमुना के दूसरे तट पर लेकिन खज़ाने में पैसा न होने के कारण वह ऐसा न कर पाया। वैसे यह भी एक वजह बताई जाती है औरंगज़ेब के विद्रोह की कि खज़ाना खाली हो जाने के कारण उसको क्रोध आ गया था!! -
सलिल का अभिमत
यह था तेजो-महालय, शिव का मन्दिर भव्य
शाहजहाँ ने कराया इसे मकबरा नव्य
शान्ति कभी शमशान की ‘सलिल’ न होती साध्य
शिव पर शव भाया तभी कैद रहा हो बाध्य
चित्र समेटे भवन की सुंदर छवि अपरूप
छायांकन अद्भुत अमित आप कैमरा-भूप -
यह था तेजो-महालय, शिव का मन्दिर भव्य
शाहजहाँ ने कराया इसे मकबरा नव्य
शान्ति कभी शमशान की ‘सलिल’ न होती साध्य
शिव पर शव भाया तभी कैद रहा हो बाध्य
चित्र समेटे भवन की सुंदर छवि अपरूप
छायांकन अद्भुत अमित आप कैमरा-भूप